पशु-पक्षियों से मनुष्य को श्रेष्ट इसीलिए कहा गया है क्योंकि भगवान ने मनुष्य को बुद्धि दी है, सोचने समझने की शक्ति दी है। भगवान ने मनुष्य को सबसे बेहतर बनाया है। सभी पशु-पक्षी गर्दन झुका कर खाते हैं लेकिन सिर उठा कर खाने वाला तो केवल मनुष्य है। भगवान ने मनुष्य की रीढ़ की हड्डी ऐसी बनाई जो आकाश की ओर उठी हुई है। इसका मतलब है कि जितनी स्वतंत्रता भगवान ने मनुष्य को दी है उतनी और किसी को नहीं । भगवान ये भी चाहते हैं कि मनुष्य ऊंचा उठे तो इतना ऊंचा उठे कि आकाश की ऊँचाइयों छू ले।
Collaboration request
1 year ago
No comments:
Post a Comment